आपको बता दें कि पंड्या परिवार के द्वारा महाशिवरात्रि का भंडारे का आयोजन अच्छे से पूरा कर दिया गया है
लेकिन इसी के साथ साथ पंड्या परिवार को जनार्दन सेठ और कामिनी सेठ से माफी मांगनी पड़ी पूरे सोमनाथ के सामने महंत जी के कहने पर मठ में भंडारे के बीच से ही रावी घर आ गई थी क्योंकि सपेरा अपना सांप लेने आया था
भंडारा पूरा होने के बाद पूरा पंड्या परिवार घर लौट रहा है जहां रास्ते में ही कृष धरा से कहता है की गायों का भंडारे का गेहूं खाना यह सब ऋषिता भाभी की बुआ की चाल थी क्योंकि मैंने उन्हें कल मुंह छूपाकर अपनी गली में ऑटो से जाते देखा था।
और इसी बात को लेकर ऋषिता और कृष के बीच बहस होती है और ऋषिता कह देती है कि तू साबित करके दिखा दूसरी तरफ जैसे ही सुमन और शिवा घर पहुंचते हैं वह देखते हैं कि रावी सपेरे के साथ है और उन्हें पूरा मामला समझ में आ जाता है सुमन और शिवा रावी को सांप लाने के लिए फटकार लगते हैं
तभी सारे घर वाले घर पहुंच जाते हैं और सांप का सच जानने के बाद सभी रावी से मुंह मोड़ लेते हैं
उसके बाद आपको देखने को मिलेगा कि शिवा और रावी मैं काफी कहासुनी होती है इधर कृष सीसीटीवी फुटेज लेकर घर पहुंचता है और जिसे देख पता चलता है की सांप की टोकरी प्रफुल्ला और रावी दोनों ने मिलकर घर पर रखी है सुमन को मारने के लिए और सभी रावी पर बहुत नाराज होते हैं फिर भी रावी बार-बार कहती है की मैंने यह सब सुमन मां को मारने के लिए नहीं किया बल्कि शिवा को अपना बनाने के लिए किया काफी कहासुनी के बाद सुमन रावी से कहती है कि दिया तुझे एक हफ्ता एक हफ्ते में अपनी बेगुनाही साबित कर और नहीं तो हमारे परिवार में अब तेरी कोई जगह नहीं है
फिर रावी अपना सारा सामान लेकर घर से जाती है और कहती है कि मैं अपना बेगुनाही का सबूत लेने जा रही हूं अभी आपको देखने को मिलेगा की रावी अपनी मौसी प्रफुल्ला से साम दाम दंड भेद का उपयोग करके यह साबित कर लेगी कि वह बेगुनाह है
और आगे आपको शिवा और रवि एक होते दिखाई देंगे